इस विभाग के पूर्व विद्यार्थीयों से आग्रह है की वह जो इस विधा में यदि कुछ कर रहे हैं तो
अपने डीटेल इस ई -मेल पर प्रेषित करने का कष्ट करें जिससे उन्हें यहाँ लगाया जा सके ;
drgptgmmh@gmail.com
Batch
2015-2016
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2016) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
Batch
2014-2015
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2015) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
-----------------------------------------
Batch
2013-2014
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2014) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
-----------------------------------------------------
2011-2012
(इस बैच से यह दायित्व पूर्ण रूप से हमने लिया और जो कुछ परिवर्तित हुआ आपके सम्मुख है - डॉ.लाल रत्नाकर)
2010-2011
अंकित चौधरी
सुपुत्र श्री अरविन्द चौधरी
पट्टी मेहर, (बड़े जैन मंदिर के पीछे ) बडौत, बागपत
कंचन
अपने डीटेल इस ई -मेल पर प्रेषित करने का कष्ट करें जिससे उन्हें यहाँ लगाया जा सके ;
drgptgmmh@gmail.com
Batch
2015-2016
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2016) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
Batch
2014-2015
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2015) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
-----------------------------------------
Batch
2013-2014
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2014) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
बाएं के क्रम से (खड़े हुए) राकेश कुमार गुप्ता (परिचर) रूबी -II,शबनम हलीम,ऋषि पाल (II सेम) परवेज, प्रदीप कुमार यादव (प्रयोगशाला सहायक) शोभा पाल, शालू, रोहित कुमार, सुवर्चा, चंचल, सुषमा एवं रूबी -II
बाएं के क्रम से (बैठे हुए) बबली, सोनम त्यागी, नेहा अग्रवाल, डॉ. हेमंत कुमार राय (प्राध्यापक) डॉ. लाल रत्नाकर (अध्यक्ष) सविता, अर्चना रानी और लता। (नसीम और रामकुमार नहीं हैं )
2012-2013
एम ए-२०१२-२०१३ के परीक्षार्थियों के के कार्य ;
एम.ए.चित्रकला के विद्यार्थियों ने जिन्होंने इस बार (2013) अपना पाठ्यक्रम पूर्ण किया है .
हिहानी गौतम |
प्रीति |
रितु |
विनीता |
प्रतिभा |
प्रगति |
अंशु |
राहुल |
विकास कुमार सिंह |
आकांक्षा |
रिंकू |
प्रियंका |
वर्षा |
पूनम |
---------------------------------------------------------------------------------------------------
क्रमशः
हिहानी गौतम; इंडियन ट्रेडिशनल पेंटिंग बनाते हुए
2011-2012
010010001-Sapna Verma
010010002-Kshama Chaudhary
010010003-Neetu Nagar
010010004-Anamika Tiwari
010010005-Vinay Kumar
010010006-Km. Santosh
010010007-Priyanka Gautam
010010009-Manish Kumar
010010010-Yasmeen
010010011-Ekta Rani
010010012-Renu
010010013-Vipin Kumar
010010014-Rekha Rani
010010015-Ritu Kumari
010010016-Ekta Sharma
010010017-Vidhi Sagar
010010018-Supriya
.............................................................(इस बैच से यह दायित्व पूर्ण रूप से हमने लिया और जो कुछ परिवर्तित हुआ आपके सम्मुख है - डॉ.लाल रत्नाकर)
2010-2011
अंकित चौधरी
सुपुत्र श्री अरविन्द चौधरी
पट्टी मेहर, (बड़े जैन मंदिर के पीछे ) बडौत, बागपत
09716362259
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
सुपुत्री श्री सत्यपाल सिंह चौहान
HN-114,Mohan Nagar Ghaziabad
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
संध्या
सुपुत्री स्व. श्री राम लाल सिंह
एम् -३६-बी संजय नगर
सेकत-२३, गाजियाबाद - 201002
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
संध्या के समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
सोनिका
सुपुत्री श्री सुभाषचंद
अलावलपुर,बदौत,बागपत-250611
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है. समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
कल्पना
सुपुत्री स्व.श्री लोकेन्द्र शर्मा
शेरपुर , सिकन्दरा,
बुलंदशहर - 203205
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
गीता
सुपुत्री श्री धर्म पल सिंह
लाडपुरा मायांचा गौतमबुद्ध नगर -203222
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
दीपू
सुपुत्री श्री लाल सिंह
अंधियार बुलंदशहर -202391
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
मीनाक्षी चंदेल
सुपुत्री श्री बृज नंदन
टी II 53 DM कालोनी लोहिया नगर
गाजियाबाद
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
अर्चना भारतीय
सुपुत्री श्री भारत भूषण
दबाना, डिडोली,
गाजियाबाद
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
अर्चना
सुपुत्री श्री दाता राम
सी-८४/९ गली न०.८ मोहनपुरी मौजपुर देलहि-५३
एम् .ए.फ़ाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
अंजू चौधरी
सुपुत्री-श्री महेश चौधरी
सिकंदराबाद रोड गुलावठी
बुलंदशहर ( उ.प्र.)
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
मनीषा भास्कर
सुपुत्री श्री ओम प्रकाश
३०७ विकास नगर खुरला खुर्जा
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
वंदना सिंह
सुपुत्री श्री बुद्ध सिंह
सिकंदराबाद , बुलंदशहर , उ.प्र..
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है .
मोहित कुमार
सुपुत्र श्री जग्गन सिंह
बुधेरा, बागपत
09582901781
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस
ब्लॉग पर प्रदर्शित किया जा रहा है.
समस्त चित्र ४/3 फुट के कैनवास पर आयल कलर में बनाये गए है -
विवेक अल्तेकर
सुपुत्र-श्री रूपचंद
मकान न.१२९/२ सुशीला विहार-१ भूर बुलंदशहर -२०३००१ (उ.प्र.)
संपर्क-08410706925,09368526416
एम् .ए.फाइनल (२०१०-२०११) के छात्रों के बनाये हुए चित्रों की प्रदर्शनी को अब इस -----------
इस विभाग की पुरानी छात्रा रही हैं;
विवेक अल्तेकर हमारे यहाँ के २०१०-११ के छात्र रहे हैं निरंतर चित्र साधना में लगे हैं इनकी कुछ कृतियाँ संलग्न हैं -
मनोज बालियाँन
इस विभाग के पुराने छात्र हैं और इनका काम और साक्षात्कार वोमेन एरा (अप्रैल -२,2012) में आया है जो नीचे संलग्न किया जा रहा है.
(डॉ.लाल रत्नाकर,अध्यक्ष चित्रकला विभाग)
सौजन्य चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर |
सौजन्य चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर |
सौजन्य चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर |
सौजन्य चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर |
सौजन्य चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर |
सौजन्य चित्र : डॉ.लाल रत्नाकर |
- एम्.ए.2010
- ...................
- 1. संध्या
- 2. सोनिका
- 3. कल्पना
- 4. गीता
- 5. दीपू
- 6. मीनाक्षी चंदेल
- 7. अर्चना भारतीय
- 8. अर्चना
- 9. अंजू चौधरी
- 10. मनीषा भास्कर
- 11. वंदना सिंह
- 12. श्रीमती सपना विश्वकर्मा
- 13. कंचन
- 14. अंकित चौधरी
- 15. मोहित कुमार
- 16. विवेक अल्तेकर
ये सब भी यहीं से निकले हैं
पारुल
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डॉ. अमर नाथ झा
स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम का शुभारम्भ
डॉ.प्रतिभा सेठी (सेवा निवृत प्राध्यापिका) चित्र ;डॉ.लाल रत्नाकर के सौजन्य से। इनके उपरांत विभाग को एक और प्राध्यापक की सेवाओं से बंचित होना पड़ा डॉ. अमर नाथ झा |
सेमेस्टर सिस्टम 2011में प्रारंभ हुआ जिसके पहले बैच के विद्यार्थियों ने जो कुछ हासिल किया उसका नमूना उन्होंने अपनी वार्षिक प्रदर्शनी में दिखया जिसका उल्लेख अन्तराष्ट्रीय ख्याति के चित्रकार कर्नल हजारिका ने अपने इस लेखा में उल्लिखित किया है -
I feel fortunate to see more than 300 paintings &
drawings and about 50 sculptures in this exhibition; all art work done by
students from the art department of M M H College, Ghaziabad. I find all the
artists are putting their best to make the exhibition successful. I also saw
brochures of quite a few artists. I am very glade that the students are
learning all aspects of a professional, since they are going to face the
outside world soon. I must give credit to the college teachers, who are taking all
courses to make the art students, as future professionals. Congratulation to
all the budding artist. With best wishes to all of you.
- Jiten Hazarika
इस तरह हम देख सकते हैं की इस विभाग के विद्यार्थियों ने समय की परवाह किये वगैर अपने समय का पूरा सदुपयोग करते हुए विविध क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है जिसमें अनेक ऐसे बच्चे जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से चलकर आये और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपने विषय में महारत हासिल किया है.
कुछ विधाओं में इनको कठिनाईयां आ रही हैं जिसके लिए विभाग में स्टाफ की कमी महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसको पूरा तो प्रबंध तंत्र की और से ही हो सकता है या शासन से नियुक्ति होने पर और ओ भी कुशल और दक्ष अध्यापक के आने से यह कमी पूरी हो सकती है।
परन्तु मुझे उम्मीद है की आने वाले समय में स्टाफ की आपूर्ति शासन करेगा अन्यथा कुछ एक्सपर्ट आर्टिस्ट बुलाकर कुछ विषयों के लिए डेमो की आवश्यकता भी है, जिससे इनकी (विद्यार्थियों की प्रतिबद्धता कम न हो)
ऐसा संकल्प लेना होगा।
जब वक़्त निकल जाता है कुछ अच्छे बच्चे छूट जाते हैं ;
रमेश विश्वकर्मा को पुरस्कार
3rd Prize: Bhookh by Ramesh Vishwakarma (Prize money: INR 25000)
“Bhookh is a hard hitting film which surprises and shocks in the same vein. On one level it salutes the human ingenuity and survival instinct but on the other deeper level it highlights the depths of inhumanity people go through in their fight against hunger.” Meenakshi Gupta, Founder Member, Goonj (Jeevika Jury 2010)
रमेश विश्वकर्मा को पुरस्कार
3rd Prize: Bhookh by Ramesh Vishwakarma (Prize money: INR 25000)
“Bhookh is a hard hitting film which surprises and shocks in the same vein. On one level it salutes the human ingenuity and survival instinct but on the other deeper level it highlights the depths of inhumanity people go through in their fight against hunger.” Meenakshi Gupta, Founder Member, Goonj (Jeevika Jury 2010)
यह महज एक पत्थर का टुकड़ा
जवाब देंहटाएंआमजन के लिए किसी किनारे
बे वजह टिका देने के सिवा और
कुछ भी तो नहीं था .
पर एक रचनाकार की नजर ने
ढ़ूढ़ लिया इसके भीतर का यह रूप
जो सदियों से छुपा हुआ था परम्परा
के घूंघट में मेहनतकश जातियों के
श्रम करते गांव मे .
सभ्यता दरअसल असभ्यता से इतनी
भयभीत क्यों रहती है ?
मैंने देखा है इसे गढ़ते हुए
कामचोर जातियां समझती हैं ये श्रम
तो निरर्थक है इसका मूल्य तो मुझे
नहीं मिलेगा क्योंकि इसमें जितना
श्रम है उसके एवज में मूल्य बहुत ही
कम है ?
मेरे मित्रों मेरी बेवकूफियां ही सही
ये कृतियां आज ही नहीं हमेशा हमें
सन्देश देंगी श्रम और रचनाकर्म
की कि समाज का स्वरूप लूट से ही
नहीं मेहनत से संवरता है।
आईए मेहनत से संवारे मुल्क को
'इमारत’ पटेल की हो या गुजरी की
दोनों गढ़ी गयीं हैं पौरूष से अन्यथा
ये बुत बेजान हो जांएंगे प्रसाद और
अपराध के जल से, फल से.
-डा. लाल रत्नाकर